नर्सिंग व पैरामेडिकल में एडमिशन के लिए NEET का विरोध, स्टूडेंट बोले- तैयारी का समय नहीं
राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ एंड साइंसेज और जोधपुर की मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल की डिग्री कोर्स मैं एडमिशन लेने के लिए नीट एग्जाम में मिलने वाले अंकों के आधार पर कॉलेज आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
इसके बाद 12वीं के बोर्ड परीक्षा का एग्जाम दे रहे स्टूडेंट एवं नर्सिंग एडमिशन की तैयारी कर रहे स्टूडेंट सोशल मीडिया के जरिए इस निर्णय का विरोध जता रहे हैं।
स्टूडेंट का कहना है कि 6 मार्च से 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं के एग्जाम शुरू हो रहे हैं और दो महीनों बाद नीट का एग्जाम है। ऐसे में बच्चों के पास NEET स्तर की तैयारी करने का समय नहीं है।
आरयूएचएस यूनिवर्सिटी से 250 से ज्यादा कॉलेज मान्यता प्राप्त
इससे पहले यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करवाता था, इस एग्जाम के जरिए यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों में एडमिशन होता था।
यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर बीएससी नर्सिंग कोर्स, पैरामेडिकल यूजी कोर्स व बैचलर ऑफ़ फिजियोथैरेपी कोर्स के लिए एग्जाम आयोजित करवाता था और प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेज का आवंटन किया जाता।
यूनिवर्सिटी का तर्क – 80 हजार बच्चों को होगा फायदा
आर यू एच एस के कार्यवाहक वॉइस चांसलर डॉ धनञ्जय अग्रवाल ने बताया कि यह निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर मंजूर करवाकर यूनिवर्सिटी ने लिया है।
जो स्टूडेंट नीट देने के बाद सिलेक्ट नहीं होते थे, उन बच्चों कि ना केवल एग्जाम फीस बचेगी बल्कि बार-बार एग्जाम देने का तनाव भी कम होगा।
डॉ ने बताया कि देश के कई राज्य इस प्रकार की प्रक्रिया से एडमिशन ले रहे हैं।