रेवंतराम डांगा का पत्र लीक: ज्योति मिर्धा और गजेंद्र सिंह के बीच तीखी सियासी जंग
राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा गया एक गोपनीय पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र के लीक होने के बाद बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा और कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है, जिसने पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है।
पत्र लीक का मामला: क्या है पूरा विवाद?
रेवंतराम डांगा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अपने विधानसभा क्षेत्र खींवसर में विकास कार्यों और तबादलों में अनदेखी का आरोप लगाया था। पत्र में उन्होंने लिखा कि उनके क्षेत्र में विरोधी दल के नेताओं के काम हो रहे हैं, जबकि उनकी अनुशंसाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यह पत्र पिछले महीने सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी की किरकिरी हुई।
इस मामले में ज्योति मिर्धा ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया कि पत्र को पार्टी के ही किसी सदस्य ने लीक किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिर्धा ने कहा, “पत्र लीक करने वाले की पहचान हो चुकी है। यह अफसोसजनक है कि यह कनेक्शन हमारी ही पार्टी से निकलकर सामने आया है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री, बीजेपी प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया है, और जल्द ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
गजेंद्र सिंह का पलटवार: “सबूत पेश करें”
ज्योति मिर्धा के आरोपों पर कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “बिना सबूत के आरोप लगाना ओछी मानसिकता की निशानी है। ज्योति मिर्धा पहले सबूत पेश करें कि पत्र किसने लीक किया।” खींवसर ने दावा किया कि पत्र लीक करने वाले की पहचान हो चुकी है, लेकिन गोपनीयता के कारण वे अभी नाम उजागर नहीं करेंगे।
खींवसर ने मिर्धा पर तंज कसते हुए कहा, “ज्योति मिर्धा बार-बार चुनाव हार रही हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के टिकट पर उनकी हार हुई। बार-बार हारने की मनोस्थिति को समझा जा सकता है।” इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी।