जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में ABVP व NSUI ने जाट प्रत्याशियों पर खेला दांव

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राजस्थान में विश्वविद्यालयों में हो रहे छात्र संघ के चुनाव में जोधपुर के जयनारायण विश्वविद्यालय से एबीवीपी व एनएसयूआई ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है ।

जय नारायण विश्वविद्यालय से पहले एबीवीपी ने राजवीर सिंह बंता को उम्मीदवार घोषित किया है वही एनएसयूआई ने काफी मशक्कत के बाद हरेंद्र चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया।

जेएनवीयू जोधपुर में हमेशा से राजपूत वर्सेस जाट प्रत्याशी का ट्रेंड चलता आ रहा है , लेकिन इस बार एबीवीपी व एनएसयूआई ने जाट प्रत्याशियों का चयन किया है । इस बार दोनों प्रमुख संगठनों ने जाट जाति से आने वाले प्रत्याशियों को उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन इसके बाद सबकी नजरें एसएफआई संगठन पर है क्योंकि एसएफआई की तरफ से अभी तक किसी को भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है ऐसे में एसएफआई किसी भी राजपूत प्रत्याशी पर अपना दांव खेलकर चुनाव में पासा पलट सकता है।

राजवीर सिंह बंता नागौर के मेड़ता के निवासी हैं एवं उनकी फैमिली में इनके ताऊ पहली बार सरपंच बने हैं इसके अलावा इन कर राजनीति में कोई सरोकार नहीं है। राजवीर के पिता शिक्षक एवं माता गृहणी है।

हरेंद्र चौधरी के परिवार का राजनीति से कोई जुड़ाव नहीं है ,  हरेंद्र चौधरी पहली बार राजनीति में आकर छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे हैं। हरेंद्र के पिता किसान हैं।

हरेंद्र चौधरी को टिकट मिलने की उम्मीद कम दिख रही थी क्योंकि पूर्व सांसद बद्रीराम ने अपने पोते दीपक जाखड़ को एनएसयूआई से उम्मीदवार बनाने के लिए काफी प्रयास किए थे एवं काफी उच्च स्तर तक पैरवी की थी। लेकिन दीपक जाखड़ को उम्मीदवार बनाने के विरोध में कई जाट नेता आ चुके थे , जिनमें ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है ।

इसके बाद एनएसयूआई पर नेताओं द्वारा एबीवीपी की तरह जाट प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाने का दबाव बनाया गया ‌‌‌।  एनएसयूआई ने गंभीर रूप से विचार विमर्श करने के बाद हरेंद्र चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया ।

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