हनुमान बेनीवाल से जुड़े विवाद Controversies related to Hanuman Beniwal
अगर कोई व्यक्ति राजनीति से जुड़ा हुआ है तो सामान्यतः ऐसे नाम के साथ विवाद जरुर जुड़े हुए होते हैं। राजस्थान में एक नाम है – हनुमान बेनीवाल, जो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक और नागौर से सांसद हैं, राजस्थान की राजनीति में एक चर्चित और विवादास्पद व्यक्तित्व रहे हैं। उनकी बेबाक शैली, आंदोलनकारी छवि और विभिन्न नेताओं व पार्टियों के साथ टकराव ने उन्हें कई बार सुर्खियों में लाया है।
नीचे उनके कुछ प्रमुख विवादों का उल्लेख है:
1. बीजेपी से निलंबन और वसुंधरा राजे से टकराव
हनुमान बेनीवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से की थी, लेकिन 2013 में उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इसका कारण था वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं पर उनके द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप।
बेनीवाल ने दावा किया था कि राजे और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच “भ्रष्ट संबंध” थे। इस टकराव ने उन्हें बीजेपी से अलग कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी RLP बनाई।
2. कुचेरा में धारा 144 उल्लंघन का मामला (2024)
मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान नागौर के कुचेरा में मतदान के दिन बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और बेनीवाल के समर्थकों के बीच झड़प हुई। इसके बाद बेनीवाल ने अपने समर्थकों को संबोधित किया, जिसे प्रशासन ने धारा 144 के उल्लंघन के रूप में देखा। कुचेरा थानाधिकारी ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया, और जांच CID-CB को सौंपी गई। बेनीवाल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
3. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से संसद में विवाद (2024)
अगस्त 2024 में संसद में कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बेनीवाल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बेनीवाल ने राजस्थान की रेल समस्याओं को उठाने की कोशिश की, लेकिन उनका आरोप था कि वैष्णव ने उनके साथ “बदतमीजी” की और उन्हें बाहर जाने को कहा। बेनीवाल ने वैष्णव को “मनहूस” तक कह दिया और उनकी बर्खास्तगी की मांग की। इस घटना ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया।
4. किसान आंदोलन और बीजेपी से गठबंधन तोड़ना (2020)
किसान बिलों के खिलाफ आंदोलन के दौरान बेनीवाल ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया। उन्होंने बिलों को “किसान विरोधी” करार दिया और कहा कि अगर वे संसद में होते तो बिलों को फाड़ देते। यह कदम उनके बीजेपी के साथ पहले किए गए गठबंधन (2019 लोकसभा चुनाव) के उलट था।
5. खींवसर उपचुनाव और कांग्रेस पर आरोप (2024)
नवंबर 2024 में खींवसर उपचुनाव में उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल की हार के बाद हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीजेपी के साथ मिलकर उनके खिलाफ काम किया और वोट ट्रांसफर करवाए। इस हार ने उनके गढ़ में सेंधमारी के रूप में देखा गया और राजनीतिक विवाद को जन्म दिया।
6. यूनुस खान और आनंदपाल मामला
बेनीवाल ने बीजेपी नेता यूनुस खान पर गैंगस्टर आनंदपाल को पुलिस हिरासत से भगाने में मदद करने का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि आनंदपाल ने 2013 के चुनाव में यूनुस की जीत में मदद की थी। इस आरोप ने राजस्थान की सियासत में हंगामा मचाया, हालांकि यह साबित नहीं हुआ।
बेनीवाल की छवि और विवादों का प्रभाव
हनुमान बेनीवाल की आंदोलनकारी छवि और बेबाक बयान उन्हें समर्थकों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं, लेकिन ये विवाद उनकी छवि को ध्रुवीकृत भी करते हैं। कुछ लोग उन्हें किसानों और युवाओं का मसीहा मानते हैं, तो कुछ उन्हें अवसरवादी और विवादास्पद नेता कहते हैं। उनकी राजनीति में ये विवाद उनकी पहचान का हिस्सा बन गए हैं।