जगदीप धनखड़ बने उपराष्ट्रपति , राजस्थान के जगदीप को 528 वोट मिले

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जगदीप धनखड़ बने 14वें उपराष्ट्रपति

6 अगस्त को भारत के उपराष्ट्रपति पद हेतु चुनाव हुए , एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद हेतु पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनकर को प्रत्याशी चुना गया  । वहीं विपक्ष ने एकता दिखाते हुए मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद हेतु प्रत्याशी के रूप में चयनित किया । मार्गरेट अल्वा ने अपने खुद के स्तर पर भी बीजेपी व अन्य कई दलों से बातचीत करके वोट की अपील की थी । मार्गेट अल्वा खुद ने बताया था कि बीजेपी की कई शीर्ष नेताओं से उनकी बात हुई है और मार्गरेट अल्वा ने उनसे उनके पक्ष में वोट देने की अपील की थी।

उपराष्ट्रपति के चुनाव में कुल 780 वोटर थे , वहीं 780 में से 725 वोटरों ने मतदान किया।

725 में से 710 वोट वैध पाए गए एवं 15 वोट अवैध मिले , जिन्हें खारिज किया गया।

राजस्थान के मूल निवासी एवं पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को 528 वोट प्राप्त हुए , वहीं मार्गरेट अल्वा को मात्र 182 वोट मिले । बीजेपी ने विपक्ष की एकता में सेंधमारी करते हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों चुनावों में विपक्ष के वोट अपनी तरफ मिला लिए । उपराष्ट्रपति पद के लिए जीत दर्ज करने के लिए 356 वोटिंग निर्धारित थे । उपराष्ट्रपति चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर लोकसभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह थे ।

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद जगदीश धनखड़ के गांव में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। जगदीप धनखड़ को बधाई देने पीएम नरेंद्र मोदी भी उनके आवास पहुंचे हैं। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी जगदीप धनखड़ को बधाई देने पहुंचे हैं।

जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं । बता दें कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाने के पीछे बीजेपी का मकसद जाट वोट बैंक को साधना है , बीजेपी ने राष्ट्रपति पद पर द्रोपति मुर्मू को प्रत्याशी बनाकर दलित वोट बैंक पर अपना प्रभाव साधने की कोशिश की थी । एवं द्रोपति मुर्मू देश की पहली दलित महिला राष्ट्रपति हैं ।

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