राजस्थान के टॉप 10 प्रभावशाली नेता 2025: सियासत के सितारे जो तय करते हैं दिशा

News Bureau
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राजस्थान के टॉप 10 प्रभावशाली नेता 2025: सियासत के सितारे जो तय करते हैं दिशा

राजस्थान की सियासत हमेशा से अपने रंग-बिरंगे नेताओं और गतिशील नेतृत्व के लिए जानी जाती रही है। चाहे वह सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, यहाँ के नेताओं का प्रभाव न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिलता है। 2025 में राजस्थान के कुछ ऐसे कद्दावर नेता हैं, जो अपने जनाधार, रणनीति और प्रभाव के दम पर सियासत की दिशा तय कर रहे हैं। आइए, नजर डालते हैं राजस्थान के टॉप 10 सबसे प्रभावशाली नेताओं पर, जो वर्तमान में चर्चा में हैं।

1. भजन लाल शर्मा (मुख्यमंत्री, भाजपा)

भजन लाल शर्मा ने 2023 में राजस्थान के मुख्यमंत्री बनकर सबको चौंकाया था। उनकी सादगी और संगठन के प्रति निष्ठा ने उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा दिलाया। हाल ही में हुए राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में उनकी सक्रियता ने उन्हें और मजबूती दी। शर्मा ने जमीनी स्तर पर जनता के बीच अपनी पकड़ बनाई है।

2. गोविंद सिंह डोटासरा (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष)

कांग्रेस के फायरब्रांड नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी बेबाकी और संगठन को मजबूत करने की रणनीति से सियासत में अलग मुकाम हासिल किया। हाल ही में उम्मेदाराम बेनीवाल को पार्टी में शामिल करवाने में उनकी भूमिका ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। डोटासरा 2028 के चुनावों के लिए विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं।

3. अशोक गहलोत (पूर्व मुख्यमंत्री)

राजस्थान में तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी के मजबूत नेता है, अशोक गहलोत चतुर रणनीतिकार हैं।

उन्होंने कई बार सियासी गलियारों में घटनाक्रमों को बदल दिया, तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत का अनुभव और ‘जादूगर’ की छवि उन्हें अब भी सियासत में प्रासंगिक बनाए रखती है। उनकी कल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव आज भी जनता के बीच देखा जाता है।

4. सचिन पायलट (कांग्रेस नेता)

युवा चेहरा और करिश्माई व्यक्तित्व के धनी सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। टोंक से विधायक पायलट का गुर्जर समुदाय में व्यापक प्रभाव है। 2023 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में न रहने के बावजूद, वह युवाओं और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं।

5. वसुंधरा राजे (पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा)

वसुंधरा राजे का नाम राजस्थान की सियासत में अब भी गूंजता है। दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं राजे का अनुभव और जनाधार उन्हें भाजपा का मजबूत स्तंभ बनाता है। हालाँकि वह अब सक्रिय नेतृत्व में कम दिखती हैं, लेकिन उनका प्रभाव अब भी कायम है।

6. हनुमान बेनीवाल (सांसद, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी)

RLP प्रमुख हनुमान बेनीवाल किसानों और जाट समुदाय के मुद्दों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं। नागौर से सांसद बेनीवाल ने अपनी बेबाकी और क्षेत्रीय प्रभाव के दम पर सियासत में अलग पहचान बनाई। उनकी पार्टी भले ही छोटी हो, लेकिन उनका प्रभाव बड़ा है।

7. गजेंद्र सिंह शेखावत (केंद्रीय मंत्री, भाजपा)

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर से सांसद हैं और केंद्र में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं। इंटर-स्टेट नदी परियोजनाओं को सुलझाने में उनकी भूमिका और संगठन में सक्रियता ने उन्हें प्रभावशाली बनाया है।

8. किरोड़ीलाल मीणा (भाजपा नेता)

किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी समुदाय के बड़े नेता हैं और पूर्वी राजस्थान में उनका व्यापक प्रभाव है। उनकी जमीनी सक्रियता और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता उन्हें सियासत का मजबूत खिलाड़ी बनाती है।

9. राजेंद्र राठौड़ (भाजपा नेता)

सात बार के विधायक राजेंद्र राठौड़ राजपूत समुदाय के बड़े चेहरों में से एक हैं। विपक्ष के नेता के रूप में उनकी मुखरता और अनुभव उन्हें भाजपा का महत्वपूर्ण स्तंभ बनाते हैं।

10. हरीश चौधरी (विधायक, कांग्रेस)

बायतु के कद्दावर नेता हरीश चौधरी ने जाट समुदाय के बीच अपनी मजबूत पकड़ और जनता से सीधे जुड़ाव के दम पर सियासत में गहरी छाप छोड़ी है। पंजाब और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी के रूप में उनकी रणनीतिक भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। बेनीवाल को कांग्रेस में लाने में उनकी चतुराई चर्चा में रही।

सियासत का बदलता रंग

ये नेता न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली हैं, बल्कि राजस्थान की सियासत को राष्ट्रीय मंच पर ले जाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। 2028 के विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही इन नेताओं की रणनीतियाँ और गठजोड़ सियासी समीकरणों को और रोचक बनाएंगे। विश्लेषकों का मानना है कि इनमें से कई चेहरों का प्रभाव भविष्य में और बढ़ेगा, खासकर युवा नेतृत्व के उभरने के साथ।

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